किसी मोड़ पर ……
टूटती आस
अटकती सांसे
रुकती गति
बिखरते सपने
रुठते स्वर
सुलगते भाव
मुरझाते अह्सास
तडपते अरमान
उजड़ते आशियाने
किसी मोड़ पर
बन जाते है
अपने हमराही
टूटती आस
अटकती सांसे
रुकती गति
बिखरते सपने
रुठते स्वर
सुलगते भाव
मुरझाते अह्सास
तडपते अरमान
उजड़ते आशियाने
किसी मोड़ पर
बन जाते है
अपने हमराही
आपका सहयोग - आपके विचारो और राय के माध्यम से मिलता रहेगा येसी आशा है और मुझे मार्गदर्शन भी मिलता रहेगा सभी अनुभवी लेखको के द्वारा. इसी इच्छा के साथ - प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल
bahoot hi piara likha hai
जवाब देंहटाएंKuch ajnabhi jo apane nahi hotae woh apno jaise lagate hai aur jo pane hotae hai na janae woh begane kiyon hotae hai
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