Flying bat in a marquee
Barthwal's Around the World

> आशा है आपको यहां आ कर सुखद अनुभव हुआ होगा

शुक्रवार, 23 जुलाई 2010

डॉ० पीतांम्बरदत्त बड़थ्वाल की पुण्यतिथि के अवसर पर



डॉ० पीतांम्बरदत्त बड़थ्वाल 

( १३ दिसंबर, १९०१ - २४ जुलाई, १९४४)

(हिंदी में डी.लिट. की उपाधि प्राप्त करने वाले प्रथम भारतीय, साहित्यकार एवम शोधकर्ता)  



पाली ग्राम (उत्तराखंड) में हिन्दी का जन्मा लाल
कर शोध हिन्दी में पहली बार सबको दिखाई नई राह
बने प्रथम भारतीय् जिन्होने डी.लिट हिन्दी में पाई
नाम इस साहित्य्कार का था डा.पीताम्बर दत्त बडथ्वाल

हिन्दी काव्य मे निर्गुणवाद पर कर गये वो शोध
संस्कृत,अवधी,ब्रजभाषा अरबी व फारसी का था उनको बोध
संत,सिद्ध,नाथ और भक्ति का किया उन्होने विश्लेषण
दूर दृष्टि के थे वे परिचायक,निबंधकार और थे वे समी़क्षक

हिन्दी को नया आयाम दे गया ये हिन्दी का सेवक
कर गया दुनिया मे नाम हिन्दी का ये लेखक
छात्र करते है शोध आज भी पढ उनकी रचनाये
कह गये जो वो उसे लोग आज भी अपनाये

अल्प आयु मे कह गया अलविदा वो हिन्दी का नायक
दे गया धरोहर हमे गोरखबाणी और नाथ सिद्धो की रचनाओ का
आज भले ही भूल चुका है उन्हे हिन्दी का साहित्य समाज
हिन्दी का सम्मान करे, कर याद इस लेखक को आज
-       प्रतिबिंब बडथ्वाल
पुण्यतिथि के अवसर पर हम सभी  उन्हे़  याद करते है और स्मृति मे श्रधा सुमन अर्पित करते है. साहित्य जगत, हिन्दी से प्रेम करने वाले और परिवार सर्वदा आपको तथा आपके द्वारा किये कार्यो को याद रखेगा


आपका सहयोग - आपके विचारो और राय के माध्यम से मिलता रहेगा येसी आशा है और मुझे मार्गदर्शन भी मिलता रहेगा सभी अनुभवी लेखको के द्वारा. इसी इच्छा के साथ - प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल

हमारा उद्देश्य

When we dream alone it is only a dream, but when many dream together it is the beginning of a new reality.