नाचने दो आज मुझे दिल खोल कर
नाच रही हूँ अपने मे मगन हो कर
नाच रही हूँ तन से और मन से
खुशी को दिखाये दुखो को छिपाये
आज खुशी से पैर जमीं पर नही मेरे
नाचती हूँ तो गम नही चेहरे पर तब मेरे
चेहरा दिखता है भाव दिखते है इसलिये खुश हूँ
अपनो को खुश देख अपने दुख छोड़ मै नाचती हूँ
नाचने दो आज मुझे दिल खोल कर
नाच रही हूँ अपने मे मगन हो कर
आपका सहयोग - आपके विचारो और राय के माध्यम से मिलता रहेगा येसी आशा है और मुझे मार्गदर्शन भी मिलता रहेगा सभी अनुभवी लेखको के द्वारा. इसी इच्छा के साथ - प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल
wah bahut khub..
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