कुछ खट्टी कुछ मीठी यादो के साथ
अब साल बीतने को आया है
लो जी फ़िर नया साल आया है
और बधाई देने का ख्याल आया है
क्या खोया क्या हमने पाया
इसके हिसाब का वक्त आया
लो जी फ़िर नया साल आया है
और बधाई देने का ख्याल आया है
अपनी अंतरात्मा से करे सवाल
देश भक्ति का कैसे दिया जबाब
लो जी फ़िर नया साल आया है
और बधाई देने का ख्याल आया है
समाज का बदलता हुआ चेहरा
राजनीति का बदल गया स्वरूप
लो जी फ़िर नया साल आया है
और बधाई देने का ख्याल आया है
शामिल हो गये जिंदगी की दौड़ में
आगे चल पड़े अब जीने की हौड़ में
लो जी फ़िर नया साल आया है
और बधाई देने का ख्याल आया है
नया साल मुबारक हो……।
-प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल
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