लगते अपने हो फ़िर भी अनजाने हो
कोशिश करता हूं तुमको अपनाने की
तुम कौन हो जो जाने पहचाने हो?
सामने आते हो तो पहचान नहीं पाता हूं
दूर तुम हो तो पहचान कर नहीं पाता हूं
तुम कौन हो जो जाने पहचाने हो?
मिलने की ख्वाईश अधूरी है
तुम से मिलना भी जरूरी है
तुम कौन हो जो जाने पहचाने हो?
मिल कर अब हाथ बढ़ाये
एक दूसरे का साथ निभाये
हम तुम कौन है इसे पहचाने
-प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल, आबू दाबी
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