बड़थ्वाल कुटुंब स्थापना
दिवस – ६ अगस्त २०२३
जय माँ भुवनेश्वरी जय
भेरो दिबता.... सबी देबी दिब्ताओं कू आशीर्वाद से अर अपर ये कुटुंब का सहयोग (तन,
मन अर धन से) बड़थ्वाल कुटुंब स्थापना दिवस ६ अगस्त २०२३ कुण दिल्ली क गढ़वाल भवन म
सम्पन्न ह्वाई. २००७ म एक पौध लगे छयाई अर आज जू पत्ता जमी वू पर अब फूल लगण बैठी
गीन, फल भी लगला... एक सुपिन जू देख छयाई वे ते साकार हूण दिख्नणु छौं ... त आप
मेर खुसी कू अंदाज लगे सकदीन. भावुक भी छयाई अर एक जिम्मेदारी कु अहसास भी.
कार्यक्रम सफल राई त अब जिम्मेदारी भी बढयल किले कि अब लुखो कि आकंक्षा भी बढेली.
शुरआत म स्वागत पिठेई अर रजिस्ट्रेशन ......... ढोल दमाऊ अर चायपाणी क दगड लुखो कु उत्साह इन छयाई जन कौथिग म अया हवाला. स्थापना दिवस क कार्यक्रम म ४१ गाँवों बटी लगभग २०० बड़थ्वाल बंधुओ ते साक्षात् मिलि कि आत्म संतुष्टि जू ह्वे, वे क वास्ता शब्द नि छिन. स्थापना दिवस पिछल साल भी मने छयाई अलग अलग- देहरादून, दिल्ली पौड़ी कोटद्वार अर मुंबई म – व ख़ुशी अलग छे.
कार्यक्रम की शुरआत
पद्मश्री से सम्मानित डॉ माधुरी बड़थ्वाल जी क आगमन पर ढोल दमाऊ मश्कबाज क मधुर
संगीत क दगडी ह्वे. कुटुंब का गणमान्य व्यक्ति दूर दूर बटी अया बड़थ्वाल उपस्थित
छयाई. मंच पर महासचिव प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल, उपाध्यक्ष डॉ माधुरी बड़थ्वाल एवं
अध्यक्ष श्री राजकुमार बड़थ्वाल ते आमंत्रित करे ग्याई. कोटद्वार बटी अया पंडित विमल बड़थ्वाल जी क
मंत्रोचारण क दगड दीप प्रज्जल्वित करे ग्याई. ढोल दमाऊ पर मंगल गीत क दगडी शुरआत
ह्वे. ये सत्र कू संचालन श्री पंकज बड़थ्वाल बड़थ्वाल जी न बखूबी निभे. पंकज जी न
मंचासीन तिनी कार्यकारिणी क सदस्य कू परिचय दे अर कार्यकारिणी क सदस्यों द्वारा ही
स्वागत भी ह्वाई. सबसे पेल प्रतिबिम्ब जी न अपरी सोच – बड़थ्वाल कुटुंब क बारा म विचार
रखिन. तत्पश्चात कार्यकारिणी क सदस्य नवीन जी जू शिलोंग बटी ये कार्यक्रम क वास्ता
येनी, कुटुंब कू उद्देश्यों ते अर अब तक का कार्यो की झलक सब्यू क समणी रखी.
ये का बाद बड़थ्वाल
कुटुंब का गौरव जस्टिस प्रेम कुमार बड़थ्वाल जी, ब्रिगेडियर गोबिंद बड़थ्वाल जी,
श्री मदन मोहन बड़थ्वाल जी, कर्नल हीरामणि जी, श्री रघुनंदन जी न ये कुटुंब की सोच
पर अपर विचार रखिन अर अपर सहयोग की बात, जनभागीदारी की बात करी. कुटुंब की सोच और
यीं पहल की तारीफ भी करी.
ये अवसर पर बडथ्वाल
कुटुंब की स्मारिका क विमोचन कार्यकारिणी क सबी उपस्थित बंधुओंsन करी. यी
स्मारिका म जख उपसभापति(राज्य सभा) हरिवंश जी, उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतू
खंडूड़ी जी, सांसद नरेश बंसल जी, डॉ विनोद बछेती जी ( चेयरमेन डी पी एम् आई), दिनेश
ध्यानी जी ( संयोजक उ. लोकभाषा साहित्य मंच ), श्री अजय बिष्ट जी ( अध्यक्ष – ग. हि.
स.) क शुभकामना सन्देश छयाई उखी बडथ्वाल कुटुंब की विरासत एवं वर्तमान क
कुछ प्रबुद्ध व्यक्तित्वों पर लेख भी छयाई. कुटम्ब क पिछला कार्यक्रमों कि झलक,
गाँवों कि झलक भी स्मारिका की शोभा बढ़ाना छन पिछला मेधावी छात्र प्रोत्साहन
कार्यक्रम क विजेताओ की अर २०२३ क १५ विजेतों की फोटो भी च. बड़थ्वाल कुटुंब गौरव
सम्मान अर उत्तराखण्ड क संस्कृति अर साहित्य सम्मान क नाम/फोटो भी स्मारिका म
च. लगभग ४०० बड़थ्वाल बंधुओ कू परिचय डाईरेक्टरी
क रूप म शामिल च. बड़थ्वाल बंधुओ द्वारा कहानी कविता लेख अर फोटोग्राफी भी स्मारिका
ते और आकर्षक बनाना छिन. श्री हरीश
बड़थ्वाल जी (खण्ड) और श्री प्रतिबिंब बड़थ्वाल जी क अथक प्रयास से कुटुंब की
स्मारिका प्रकाशित ह्वै
स्मारिका विमोचन क बाद
प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल की गढवाली हिंदी की कविताओं की किताब यखुली कू विमोचन भी
ह्वाई. प्रतिबिम्ब जी न यखुली कविता कू पाठ भी करी.
ये क बाद बारी छे
बडथ्वाल कुटुंब गौरव सम्मान की – यी बेर ८ बडथ्वाल बंधुओ ते यूं सम्मान वूंका
कार्यक्षेत्र म महत्वपूर्ण योगदान अर बड़थ्वाल कुटुंब कू गौरव बढ़ाण क वास्त सम्मान दिए
ग्याई. श्रीमती पुष्पा बड़थ्वाल ( राजनीति/सामजिक), श्री सत्य प्रसाद बड़थ्वाल ( पर्यावरण
संरक्षक) श्री सुभाष बड़थ्वाल( राष्ट्रपति पदक विजेता), कर्नल बड़थ्वाल ( सामजिक
कार्यकर्ता), श्री घनानंद बडथ्वाल ( अधिवक्ता, नैनीताल हाई कोर्ट), श्री सत्यप्रसाद
बड़थ्वाल ( पूर्व पत्रकार), एवं डॉ माधुरी बड़थ्वाल (उत्तराखण्ड लोक संस्कृति पर
कार्य). श्री सत्यप्रसाद जी, श्री सुभाष जी, श्री सत्यप्रसाद जी व् माधुरी जी
उपस्थित छयाई अर राजकुमार जी व् प्रतिबिम्ब जी न यू सम्मान देई. सब्यू न सम्मान
मिलन पर प्रसन्नता अर धन्यवाद प्रेषित करी.
एक बाद उपाध्यक्ष डॉ
माधुरी बड़थ्वाल जी न कुटुंब कि यी पहल पर, कन प्रतिबिम्ब वू ते लुखो क समणी लाई,
सम्मान मिलनी अर आज वू क्या महसूस करना छन दीदी भुल्ली क रिश्ता से अलग बौ चची ताई
दूयर दयूराणी क प्रेम से. अध्यक्ष राजकुमार जीsन अध्यक्षीय
उद्बोधन म परिवार कि सोच पर अपर विचार, शिक्षा, अर उत्तराखंड की समस्याओं की बात
करी.
ये अवसर पर प्रतिबिम्ब
की माँ जी श्रीमती प्रभा बड़थ्वाल जी कू आशीर्वाद भी सब्यू ते मिल.
पैली सत्र कू यू आखिर
कार्यक्रम छयाई नौजवान उभरती प्रतिभा गायक दक्ष बड़थ्वाल न पर दगडया क दगड घुघूती
घूरण लगी और अपर एक गीत प्रस्तुत
करी...... मधुर गीत क बाद अपर देशी खाण कू आनंद सबी लुखो न ल्याई... बासमती भात, दड़बड़ी दाल, फड़फड़ो फाणू, मिक्स
भुज्जी, अलू क गुटका, रुट्टी, सलाद पापड़ अर झंगौरा क खीर ....
दूसर सत्र ( लगभग ३ बजी)
की शुरआत श्रीमती पम्मी बड़थ्वाल जी न कैरी. पैलू आकर्षण पद्मश्री डॉक्टर माधुरी बड्थ्वाल जी क मांगल गीत पर उद्बोधन अद्भुत
भी छयाई अर अद्वितीय भी. लोकगीतों
ते अपरी बुलंद आवाज़ म सुणाई भी च वूंकी व्याख्या भी करी.... सूणदू रावो बस ...
लेकिन समय कि बात छे.
वे क बाद मेधावी छात्र कार्यक्रम म
विजेताओं बच्चो ते पुरस्कृत करे ग्याई. १५ बच्चो ते पुरस्कार दिए ग्याई. प्रियांश,
सौम्या आशिता, सानिका, विवेक (क चाचा जी), शुभांगी अर जतिन उपस्थित छयाई, वून ते जस्टिस प्रेम
कुमार बड़थ्वाल जी, डॉ जीत राम भट्ट जी एवं श्री राजकुमार बड़थ्वाल जी न पदक,
प्रशस्ति पत्र, पुष्प अर पुरस्कार राशी भेंट करी.
उत्तराखण्डे की संस्कृति अर साहित्य
म योगदान क वास्ता पेली बार बड़थ्वाल कुटुंब द्वारा उत्तराखण्ड क चार लुखो ते
सम्मानित करे ग्याई. हिंदी अर गढ़वाली भाषा का बरिष्ठ साहित्यकार श्री ललित केशवान
जी तैं डॉ पीताम्बर दत्त बड्थ्वाल साहित्य सम्मान, लोक गायिका श्रीमती बीना तिवारी तैं लोक संस्कृति सम्मान, डॉ जीतराम भट्ट तैं पंडित मुकुंदराम बड्थ्वाल दैवज्ञ सम्मान
अर सुश्री बसुंधरा रतूड़ी तैं संस्कृति सम्मान प्रदान करेगे. वीना जी क प्रतिनिधि क
रूप म किरन पन्त जी न सम्मान स्वीकार करी. डॉ भट्ट जी न कुटुंब की यी पहल कू
स्वागत करी अर लुखो ते, अन्य संस्थाओं ते भी इनी सोच रखण कि बात करी. सम्मान मिलण
की ख़ुशी भी जतेई अर धन्यवाद भी करी. केशवान जी न अपर कविता मंच पर पढ़ी. संस्कृति सम्मान से सम्मानित वसुंधरा रतूड़ीन ‘हम
उत्तराखण्डी छा’ गीत गाई, प्रतिबिम्ब जी कू लिख्यू अर अपर गयू/स्वरबद्ध करयूं गीत ‘ ‘मोदी जी करते मन की बात’ भी गाई.
कुटुंब क अर प्रतिबिम्ब जी क भी धन्यवाद करी.
ये मौका परैं कवि सम्मलेन को भी
आयोजन करेगे. आमंत्रित कवियों म सर्वश्री जयपाल सिंह रावत जी चिपवुडू दा’, श्री दिनेश ध्यानी जी, श्री जगमोहन सिंह रावत जी ‘जगमोरा’, डॉ कुसुम भट्ट जी अर युवा कवि प्रदीप रावत जी ‘खुदेड़’ न कविता पाठ कैरी.
प्रतिबिम्ब जी न अंत म कबिता भी बांच. गढ़वली क प्रथम पजलकार जगमोरा जी न अपड़ी द्वी
नै किताब ‘दुणत्यलि’ अर ‘लुणत्यलि’ भी बड़थ्वाल बन्धुओम म वितरित करिन. जगमोरा जी तै
बहुत धन्यवाद अर शुभकामना.
पांच लुखो ते लकी ड्रा म इनाम
मिलिन.... धन्यवाद ह्वाई अर वे क बाद कुटुंब क
लोग ढोल दमाऊ की थप पर खूब थिरकिन.... 6 बजी चाय पाणी पेकन सबी बंधुओ न एक
दूसर से मिलकिन भिन्टे कन विदा ल्याई - दुबर इनी क्वी आयोजन म मिलण की आस क दगड
....
राजुकमार जी, माधुरी जी अर
प्रतिबिम्ब जी क अलावा ये कार्यक्रम ते सफल बनाण म जू सदस्यों कि भूमिका छे वू छन कार्यकारिणी
क श्री राजेन्द्र बडथ्वाल (फर्सेगाल), श्री नवीन बड़थ्वाल(पदमपुर), श्री पंकज
बड़थ्वाल(बड़ेथ), श्री नरेंद्र बड़थ्वाल(गैर), श्री कमलेश बड़थ्वाल(बड़ेथ), श्री पंकज
बड़थ्वाल(क्वाली), श्री प्रसन्ना बड़थ्वाल(तल्ला बास्बा), श्रीमती पम्मी बड़थ्वाल, देहरादून
बटी अग्रज श्री सतीश बड़थ्वाल(बड़ेथ) अर श्री हर्षवर्धन बड़थ्वाल(खण्ड). श्री कमलेश
बड़थ्वाल(बड़ेथ), श्री देवेन्द्र बड़थ्वाल(खण्ड) अर पंकज क टीम श्री महेश, श्री अमन,
श्री वशिष्ट जी कू आभार.
ये मौका परैं समस्त बड्थ्वाल परिवार
का सदस्यों का अलावा साहित्यकार श्री रमेश चन्द्र घिल्डियाल, श्री जयपाल सिंह रावत, श्री दर्शन सिंह रावत, श्री जगमोहन सिंह
रावत जगमोरा, श्री चन्दन प्रेमी, श्री गिरधारी रावत, श्री
राकेश धस्माना, श्री युवराज सिंह, गढ़वाल भवन का
अध्यक्ष श्री अजय सिंह विष्ट, श्री नेगी,
उपस्थित छाई
बड्थ्वाल कुटुंब द्वारा आयोजित ये
आयोजन म द्वी सत्रों म भाषा, साहित्य, संस्कृति अर सामाजिक सरोकारों परैं विद्वानों ला अपरी बात
राखी. आयोजन म गढ़वाली-कुमाउनी भाषाओं तैं
संविधानै आठवीं अनुसूची म शामिल कना खातिर बि चर्चा ह्वै. वक्ताओं न बोलि कि भारत
सरकार जल्दी ही गढ़वाली-कुमाउनी भाषाओं तैं संविधानै आठवीं अनुसूची म शामिल कौर.
बडथ्वाल कुटुंब कू सहयोग त तन मन धन से त मिल वे
क वास्ता हम आभारी छ्वा. स्मारिका म विज्ञापन का रूप म डीपीएम्आई(दिल्ली), डेक्स
लोजिस्टिक (दिल्ली), बलूनी कार्गो क सहयोग क वास्ता बड़थ्वाल कुटुंब आभार व्यक्त करदू.
गढ़वाल
हितैषणी सभा तै सहयोग क वास्ता, गढ़वाल भवन का स्टाफ अर यात्री निवास व् किचन क सभी
सदस्यों ते बढ़िया भोजन, व्यवस्था क वास्ता भी धन्वाद प्रेषित करदा.
कार्यक्रम कू आगाज व् समापन कि खास य बात रयाई कि सुबर बटी समापन
तक सबी मन से बैठ्या रेन अर आनंद लींणा रेन. ये सफल आयोजन क वास्ता उपस्थित/अनुपस्थित
सभी सहयोगकर्ताओं ते बहुत बहुत बधे, धन्यवाद अर शुभकामना.
शुभम
प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल
(सिराई,पौड़ी गढ़वाल / दिल्ली)
🙏🙏6 अगस्त को गढवाल भवन दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम "बङथ्वाल कुटुम्ब स्थापना दिवस" अत्यंत रमणीय और उत्साहवर्धक रहा। इसमें करीब 200 बङथ्वाल जनों की उपस्थिति होना बङे गर्व की बात है और सबसे बङी बात ये है कि जो लोग दूरस्थ जगहों जैसे देहरादून, कोटद्वार, हरिद्वार, लुधियाना, खंड व बङेथ आदि गाॅवों से यहां आये उनका कुटुम्ब के प्रति अटूट लगाव व असीमित समर्पण झलकता है। आप सभी आदरणीय सदस्यों का आभार। साहित्य, भाषा, संस्कृति, सामाजिक व अन्य विधाओं से जुङे अनुभवी लोगों की गरिमामयी उपस्थिति तथा उनकी गहरी विनम्रता हमें अपनी जङों व पूर्वजों के प्रति संजीदगी सिखाता है। मेधावी छात्र/छात्रा कार्यक्रम के विजेता और सामाजिक/सांस्कृतिक/साहित्यिक कार्यों हेतु कुटुम्ब गौरव/उत्तराखंड सम्मान पाने वाले महानुभाव हमारी भावी पीढी के लिए प्रेरणास्रोत रहैंगे। इस अवसर पर कुटुम्ब की स्मारिका का विमोचन हमें अपने कुटुम्ब को प्रगाढता से जानने में सहायक रहेगा। अपनी मनमोहक प्रस्तुति से सबका दिन जीतने वाले बच्चों/महिलाओं/दक्ष जी/वसुन्धरा जी/सभी कवियों ने आने वाली पीढी के उज्जवल भविष्य में विश्वास परिलक्ष्यित किया है जो कि समाज, संस्क्रृति, भाषा व पौराणिक विरासत के संवर्धन की दिशा में प्रेरणादायी रहेगा। आदरणीय राजकुमार भाईसाब, डाॅ माधुरी दीदी, राजेन्द्र भाईसाब व प्रतिबिंब भाईसाब के मार्गदर्शन में इस उत्साहवर्धक आयोजन में लगी टीम राजेन्द्र जी, पंकज जी क्वल्ली, पम्मी जी, पंकज जी बङेथ, नरेन्द्र जी, प्रसन्ना जी, कमलेश जी, देवेन्द्र जी, हर्षवर्धन जी व सतीश जी आदि हर एक सदस्य की कर्मठता, कौशल, व समर्पण को नमन। चार पंक्तियां इस अवसर पर निवेदित करता हूॅ। "इस कुटुम्ब की असली उङान अभी बाकी है, कुटुम्ब के कई इम्तिहाॅन अभी बाकी हैं। अभी तो थामी है मुठ्ठी भर जमीन हमने, अभी तो थामना पूरा आसमान बाकी है।
जवाब देंहटाएंआप सभी को बहुत बहुत बधायी और शुभकामनायें।💐💐धन्यवाद।